Subject Selection And Curriculum

पाठ्यक्रम तथा विषय चयन

  • शास्त्राी परीक्षा उत्तीर्ण स्नातकों को आध्ुनिक विषयों के ज्ञान के साथ-साथ भ्।ैध्प्।ै जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में योग्य बनाने, संस्कृत अध्यापक/प्राध्यापकों के अतिरिक्त विभिन्न क्षेत्रों में सेवा तथा रोजगार का पात्र बनाने के उद्देश्य से पूर्व प्रचलित शास्त्री/विशिष्ट शास्त्री के अतिरिक्त विश्वविद्यालय द्वारा ‘नवीन अध्ययन प्रक्रिया’ रूसा ;राष्ट्रीय उùचतर शिक्षा अभियानद्ध के अन्तर्गत शास्त्री अन्तिम वर्ष तक सिस्टम एक बहुआयामी नवीन पाठ्यक्रम लागू किया गया है, जो आध्ुनिक परिप्रेक्ष्य में छात्रों के उजवल भविष्य का आधार बनेगा।
  • 1द्ध प्राक् शास्त्री भाग-प् तथा प्राक् शास्त्री-प्प् ;पुरातन प्रक्रिया के अनुसारद्ध की कक्षाओं में निम्न विषय निर्धरित हैं ;कद्ध एक से चार पत्र - संस्कृत के विभिन्न विषय ;अनिवार्यद्ध ;खद्ध प×चम पत्र - अंग्रेजी ;ऐùिछकद्ध ;गद्ध षष्ठ पत्र - हिन्दी/राजनीति शास्त्र/इतिहास ;अतिरिक्त ऐùिछकद्ध ;2द्ध प्राक् शास्त्री भाग-प् तथा प्राक् शास्त्री-प्प् कक्षाओं में 20 अंक आन्तरिक मूल्यांकन तथा 80 अंक वार्षिक परीक्षा के होंगे। इन कक्षाओं के संस्कृतेतर विषयों का पाठ्यक्रम हि.प्र. स्कूल शिक्षा बोर्ड की 10$1, 10$2 के समान होगा। इनमें प्रविष्ट छात्र को सामान्यतः उत्तीर्ण होना आवश्यक है, लेकिन छात्रों का उत्तीर्ण-अनुत्तीर्ण तथा कम्पार्टमैन्ट परिणाम केवल संस्कृत विषयों के आधार पर ही होगा। अग्रिम कक्षा के परिणाम से पूर्व छात्र को पिछली कक्षा के संस्कृतेतर विषयों में उत्तीर्ण होना आवश्यक होगा। ;3द्ध रूसा प्रक्रियानुसार शास्त्री प्रथम वर्ष से शास्त्री तृतीय वार्षिक सत्र का पाठ्यक्रम चयन मेजर-व्याकरण और साहित्य जिनके दो-दो पेपर तथा दर्शन वेद तथा ज्योतिष तीन विषयों में से दो विषयों का चयन अभिरूचि के अनुसार विद्यार्थी को करना है। इन दो विषयों के भी दो-दो पेपर होगें। ;कद्ध अंग्रेजी विषय का पाठ्यक्रम ठण्।ण् के समान है इस विषय का एक पेपर होगा। ;खद्ध हिन्दी अथवा राजनीति शास्त्र में से एक विषय चयन करना है इसका पाठ्यक्रम भी ठण्।ण् के समान है। इन विषयों का भी एक-एक पेपर होगा। ;4द्ध प्राक् शास्त्री-प्/प्राक् शास्त्री-प्प् में परीक्षा का माध्यम हिन्दी भी हो सकता है लेकिन शास्त्री प्रथम वर्ष से तृतीय वर्ष तक तथा आचार्य कक्षाओं में परीक्षा/प्रश्न पत्रों का माध्यम संस्कृत ही होगा।

पाठ्यक्रम विवरण

  • हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के नियमानुसार प्राक्शास्त्री एवं शास्त्री कक्षाओं तक पाठ्यक्रम निम्न प्रकार से है: प्राक्शास्त्री प्रथम वर्ष प्रथम पत्र: व्याकरण ;वरदराज कृत लघु सिद्धान्त कौमुदीद्ध द्वितीय पत्र: काव्यनाटक ;कद्ध रघुवंश प्रथम-द्वितीय सर्ग ;खद्ध स्वप्नवासवदतम्

Sr. No. Letter Subject Prescribed Text
1 The First Letter Grammer Laghusiddhantakaumudi (first half)
2 The Second Letter Poetic Drama The first and second verses of the Raghuvansha,Swapnavasavadattam, Vrttaratnakara
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